घृणा से दूर संपूर्ण साथ रहेंगे पूर्ण जीवन घृणा से दूर संपूर्ण साथ रहेंगे पूर्ण जीवन
जब पत्तियां थीं, फूल थे पर सिर्फ मैं नही था तुम्हारी नोटबुक में चकित, विस्मित दरीचों की ओट से पढ... जब पत्तियां थीं, फूल थे पर सिर्फ मैं नही था तुम्हारी नोटबुक में चकित, विस्मित...
घर आंगन कितना सुहाता था मन, आज शहरों में एक बालकनी में सिमट रह जाता तन। घर आंगन कितना सुहाता था मन, आज शहरों में एक बालकनी में सिमट रह जाता तन।
नील गगन तले विचरण को, तब स्वतंत्र कर देते हैं। नील गगन तले विचरण को, तब स्वतंत्र कर देते हैं।
वो सितारे जो आसमान की गोद में अक्सर ही टिमटिमाते रहते है वो ही इन प्रेमी जोड़ों के प्र... वो सितारे जो आसमान की गोद में अक्सर ही टिमटिमाते रहते है वो ही इन प्र...
अद्भुत अलौकिक प्रकृति का रमणीय नज़ारा दिनकर के प्रकाश से प्रकाशित जग सारा अद्भुत अलौकिक प्रकृति का रमणीय नज़ारा दिनकर के प्रकाश से प्रकाशित जग सा...